एक बात जो मुझे आज भी सताती है ।
गरीबों के गरीबी को याद दिलाती है ।
दर्द भरी ऑंखें भूखे पेट दिल जलती है ।
एक बात जो मुझे आज भी सताती है ।
एक चेहरा जो मुझे आज भी आँखे दिखाती है ।
तन पे फटे कपड़े कचडे का बोझ बस यही बताती है ।
एक बात जो मुझे आज भी सताती है ।
निराशा में आशा की जोत जलाती है ।
क्यों इंसानों के पास गरीबी आती है ।
एक बात जो मुझे आज भी सताती है ।
4 comments:
अच्छे भावों को सुंदर तरीके से पिरोया है
क्यों इंसानों के पास गरीबी आती है ।
एक बात जो मुझे आज भी सताती है ।
अच्छा लिखा है आपने. स्वागत मेरे ब्लॉग पर भी.
bahut hee bhavpuran, aapka kalyan ho
narayan narayan
आपने बहुत अच्छा लिखा है ।
भावों की अभिव्यक्ति मन को सुकुन पहुंचाती है।
लिखते रहिए लिखने वालों की मंज़िल यही है ।
कविता,गज़ल और शेर के लिए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
मेरे द्वारा संपादित पत्रिका देखें
www.zindagilive08.blogspot.com
आर्ट के लिए देखें
www.chitrasansar.blogspot.com
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