Saturday, November 15, 2008

मत बांटो मजहब के नाम पे

अगर हम सब में जरा भी ईमान होता ,

तो धर्म के नाम पे हिंदू न मुस्लमान होता ,

न कोई अपनों को खोता न इन्सान होने पर रोता ,

न किसी बचे के आँखों में खौफ का मंजर होता ,

न किसी माँ की गोद से कोई बच्चा खोता ,

मजहब के नाम पे देश को बाँटने वाले ,

अगर रमजान में राम दिवाली में अली को देखा होता ,

तो इन्शानो का खून बहाने से पहले जरूर रोता ,

1 comment:

Akhilesh k Singh said...

sahi likha hai bhai dhirendra......yu hi likhte rahiye.